डिजिटलीकरण से घटती दूरियां
एक समय था,जब हम बैंकों से रूपए निकालने के लिए लम्बी लाइन लगा करते थे, फिर अगले दिन बाजार जाते और सामान खरीदते थे। आज का वक्त है घर बैठे मोबाइल और इंटरनेट से ऑनलाइन सारी शॉपिंग कर लेते है। बीते दो दशक पूर्व और आज की पूरी अर्थव्यवस्था बदल गई है। 1990 की दौर में मोबाइल फ़ोन कल्पना से परे था, जबकि आज हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। डिजिटलीकरण ने आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक गतिविधियों में तीव्र परिवर्तन लाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलीकरण की पहुंच काफी कम है फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका साकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे है। भूमि, आधार, बैंक खता, पासपोर्ट आदि की जानकारी ऑनलइन प्राप्त हो रही है। ग्रामीण और शहरी जीवन के बीच की दूरियाँ कम हुई है। सरकारी कार्यालयों जैसे - शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि आदि से सम्बंधित जानकारी ऑनलइन प्राप्त हो जाने से न केवल सूचना की प्राप्ति आसान हुई है बल्कि इसमें होने वाले भ्रस्टाचार और ऊँच-नीच के भेद-भाव को भी कम किया है। 1990 के वक्त किसानों को मात्र थोड़ी जानकारी के लिए सरकारी कार्यालयों के लम्बे चक्कर काटने पड़ते थे। सरकारी ...