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Showing posts from November 3, 2017

"आर्थिक विकास में परिवहन की भूमिका "

परिवहन आर्थिक  विकास की रीढ़ की हड्डी कही जा सकती है। उदहारण के लिए यदि गावों का विकास  करना है तो सड़क पहली आवश्यकता है ताकि कृषि वस्तुओं को बाजार और कृषि विकास को नवीन तकनीक प्राप्त हो सके। परिवहन के साधन होने पर ही जीवन-यापन के लिए व्यावसायिक कृषि का विकास कर सकते हैं।  आर्थिक विकास के कई आयाम हैं - शिक्षा, ऊर्जा के श्रोत, वाणिज्यीकरण इत्यादि। आर्थिक विकास के इन आयामों की पूर्ति परिवहन पर निर्भर करती है। यदि औद्योगिक विकास करना हो तो भी परिवहन अति महत्वपूर्ण हो जाता है। इस कारण उद्योगों  परिवहन से संपन्न क्षेत्रों में ही हुआ है। लौह उद्योग बंदरगाहों के निकट लगाया जाना परिवहन  भूमिका को दर्शाता है।  आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा की प्राप्ति तभी संभव है जब उस क्षेत्र विशेष में परिवहन के साधन हों। विधुत ऊर्जा, सौर ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा, बायोगैस, CNG आदि परम्परागत और गैर परम्परागत ऊर्जा के विकास के लिए भी परिवहन यथा - सड़क, रेल मार्ग, अंतः स्थलीय जलमार्ग या पाइप लाइन आदि के विकास की प्र...

संयुक्त राष्ट्र और इसकी उपलब्धियां (UNITED NATIONS CHALLENGES & ACHIEVEMENTS)

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संयुक्त राष्ट्र ध्वज  द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व में शांति कायम रखने के लिए विजेता देशों ने संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया। 24 अक्टूबर 1945 को यह संस्था अस्तित्व में आया। इसके गठन के वक्त 51  सदस्य देश थे। वर्तमान में इसकी संख्या 193   है। भारत इसमें शुरूआती दिनों से ही सदस्य रहा है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयार्क शहर में है। अब इसे संयुक्त राष्ट्र के नाम से जाना जाता है।   संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के मुख्य उद्देश्य :- सभी प्रकार के साधनों का उपयोग करके एक राष्ट्र द्वारा दूसरे राष्ट्र पर किये जाने वाले आक्रमण को रोककर अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा स्थापित करना।  समानता और आत्म निर्णय के अधिकार के आधार पर विभिन्न राष्ट्रों में मध्य मित्रवत संबंधों का विकास करना।  अन्तर्राश्ट्रीय आधार पर राष्ट्रों के मध्य आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा अन्य मानव संबंधों में सहयोग का विकास करना।  नस्ल, जाती, धर्म, भाषा व लिंग या किसी अन्य समूह पर ध्यान दिए बिना मानवाधिकारों तथा आधारभूत स्वतंत्रता को सम्मान देने की भावना को विकसित ...