Posts

Showing posts from January 16, 2013

बलात्कार हत्या से भी बड़ा जघन्य अपराध

Image
आंदोलन करो। महिलाओं के लिए सुरक्षा की मांग करो । कुछ नहीं तो बराबरी का हक मांगो। लेकिन सख्त कानून मत बनाओं। प्रशासन-व्यवस्था को सख्त मत करो। इसका कहीं दुरुपयोग हो जाएगा। बलात्कार का समाधान चाहिए तो अपने में सुधार करो। सामाज का सुधार करो। ऐसे सुझाव समाज के बुद्धिजीवी कहे जानेवाले लोग देना शुरु कर दिए हैं। आंदोलनकारी अब सोच में पड़ गए है। महिलाओं की सुरक्षा का मांग कर रहे थे, अब क्या मांगे ? कानून तो समाधान है नहीं। अपने में सुधार करने के लिए कहा जा रहा है। वे तो पहले से ही ठीक-ठाक हैं। किसी का बलात्कार नहीं कर सकते। अब सभी सोच –सोच कर पानी-पानी हो रहे हैं कि बलात्कार के लिए पूरी सामाजिक व्यवस्था ही जिम्मेदार है। लेकिन जब दिल्ली के चलती बस में सामूहिक बलात्कार कांड हुआ, तब स्वत : ही विशाल आंदोलन उभरा था। इस आंदोलन को जन्म देनेवाला कोई नेता, सामाज-सुधारक या लेखक नहीं था। वर्षो से पीड़ा सह रही जनता स्वयं जगकर सामाज-सुधार की मांग की। लेकिन आज सामाज-सुधार का ठेका नेता, लेखक और खुद को सामाज-सुधारक कहने वाले लोग ले रहे हैं। जनता की भवनाएं दर किनार की ज...