शराब ने शर्मशार की मानवता

पूर्व मंत्री हिन्द केसरी यादव और उनके
सहयोगियों का कसूर सिर्फ इतना था कि वे शराब पीने से मर रहे सैकडों लोगों को बचाने
के लिए एक समाहरणालय से दूसरे समाहरणालय जाकर नशामुक्ति कि मांग कर रहे थे। जाहिर
है कि पिछले दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर के नेकनामपुर में जहरीली शराब पीने से एक
ही गाँव के 7 लोगों की मौत और कई लोगों की हालत गंभीर हो गई थी। जिसके खिलाफ
नेकनामपुर के महिलाओं ने मोर्चा खोल रखा था। हिन्द केसरी यादव महिलाओं के सहयोग
में आगे आकर शराबंदी की मुहिम शुरु किये थे। प.बंगाल,पंजाब,हरियाणा,छत्तीशगढ़,केरल जैसे
और कई राज्यों से भी जहरीली शराब पीने से सैकडों लोगों की मौत की खबरे आती ही रही
है। इसके खिलाफ अगर हिन्द केसरी यादव जैसे योद्धा आवाज उठाते है तो उनका प्रशासन
के सामने यह ह्रश्र किया जाता है।

एक तरफ प्रशासन का यह दोहरा रवैया दूसरी तरफ जनता का इन्साफ यह साबित करता है कि हमारी प्रशासन और समाज व्यवसायियों को खुलेआम जहर पिलाने और खिलाफ में बोलने पर सामने पिटने का ताकत दे रखा है।इसी में हमारी सरकार भी शराब बिक्री को मंजूरी देकर इस व्यवसाय को प्रोत्साहित कर रहा है।यही नहीं शराब सरकार के बजट और वोट वटोरने का प्रमुख स्त्रोत भी बना है। कई राज्यों में तो सरकारी कम्पन्नी की दुकानें भी लगाई जा रही है। केरल की सरकारी कम्पन्नी केएसबीसी की वहाँ 377 दुकानें चलती है।
यह जानते हुए कि शराब जहरीली है पीने से
मौत,हृदय रोग,जिगर का सूत्रण रोग,मिरगी,कैंसर और हेपाटाइटिस जैसी भयानक और लाइलाज
बीमारियाँ होती है।फिर भी हमारा समाज कितना संवेदनहीन हो गया है कि अपना ही
आस्तित्व मिटाने के लिए लालायित है।डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने तो यह भी पता लगाया
है कि लम्बे समय से नशे का सेवन करने वाला व्यक्ति मनोविकार से ग्रस्त हो जाता है।आत्महत्या करने
वालों में भी 50 प्रतिशत वही लोग होते है जो नशे पर निर्भर है।जबकि किशोरों में 70
प्रतिशत आत्महत्या के मामले नशा के कारण होता है।सिर्फ यही नहीं 18 प्रतिशत लोग
नशा के सेवन से पागलपन का शिकार हो जाते है।

इसके अलावा यह भी पाया गया है कि नशाखोरी
आंतरिक और रुहानी तौर पर भी दिवालियाँ बना देती है।अक्सर यह पाया गया है कि
शराबखोरी की लत में जकडे व्यक्ति के परिवार के सदस्य शारीरिक तौर पर भी बूरी तरह
प्रभावित होते है।अधिकांश मामले में शराबखोरी की पत्नी को सबसे अधिक प्रताडना
झेलनी पडती है।बच्चों को भी शराबी पिता के प्रताडना का शिकार होना पडता है।बिहार
में दशहरे की एक घटना है एक शराबी ने अपनी पत्नी की बलि चढाकर उसका कटा हुआ सर
लेकर सरेआम मेला में घूमने लगा।
ऐसी घटनाएँ सिर्फ एक ही जगह नहीं ब्लकि पूरे
देश में एक गंभीर समस्या बनी हुई है।लेकिन अफसोस है कि हम जानकर भी इसके शिकार हो
रहे है।बीबीसी के अंर्तराष्ट्रीय खबरों में केरल के जैकब बर्गीज अपनी अत्यंत ही
दुखद कहानी बताते हुए सिसक पडते है। वे बताते है कि- उनहोंने अपना बचपन शराब के
नशे में बिता दिया।इसके कारण कॉलेज की पढाई भी छोड दी।अन्त में अपनी नौकरी से भी हाथ
धोना पडा।दो बार अपनी हाथ की नसे काटकर आत्महत्या करने की भी कोशिश की।लेकिन जबतक
होश सम्भला और शराब छोडी तबतक सबकुछ खत्म हो चुका था।शराब ने जैकब बर्गीज के
हँसती-खिलती दूनिया में आग लगा दी।आज वे सडकों पर भीख मांगकर कष्टकारी जीवन बिताने
के लिए मजबूर है।

इसके बावजूद शराब सिर्फ नशाखोरो और उसके
परिवार को ही नहीं प्रभावित करता ब्लकि अपना सामाजिक कुप्रभाव भी डालता है।सबसे
गंभीर ध्यान देने की बात यह है कि छोटे गांवो से लेकर बडे शहरों तक में बलात्कार
की घटना शराबियों द्वारा ही की जाती है।बसों और रेलगाडियों में तो शराबियों की
छेडछाड आम बात है।आये दिन सडके पर हो रही दुर्घटनाओं के भी अधिकांश मामले शराब के
कारण ही होता है।शराब पीकर सडकों और गलियों में मार-पीट,गाली-गलौज से समाज काफी
कुप्रभावित होता है।समाज को भी इस तरह से कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कीमत चुकाने
पडते है।

दूसरी ओर शराबियों की मांग है कि शराब सस्ती
होनी चाहिए।साथ ही यह हर जगह उपलब्ध होनी चाहिए।केरल फिल्म अभिनेता एनएल बालकृष्णन
तो 1983 से ही शराबियों के पक्ष में “फोरम फोर बैटर
स्प्रिट” नामक संस्था ही चला रहे है।इस संस्था
ने सरकार से मांग कि है कि शराब को सरकारी प्रणाली से उपलब्ध कराई जाए और 90 साल
के उपर के लोगों को मुफ्त में मुहैया कराई जाए।बाकी जगहों पर भी कमोबेश स्थिति यही
है।
फिलहाल देखा जाए तो शराबियों का ही बोलबाला
है।पूर्व मंत्री हिन्द केसरी की घटना एक स्वच्छ दर्पण है जिसमें झाकर हम आसानी से
देख सकते है कि हमारे समाज का अधिकांश हिस्सा शराब और शराबियो का एजेंट बन गया
है।वह शराब और नशा के लिए अपना घर-परिवार,अपना जीवन सबकुछ कुर्बान कर सकता
है।लेकिन इस समाज के भलाई के लिए अपना घर-परिवार और जीवन को सार्थक बनाने के लिए
हिन्द केसरी जैसे योद्धा के साथ एक आवाज भी नहीं उठा सकता।
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