नवादा लोकसभा सीट पर क्या यादव फैक्टर राजद पर पड़ेगा भारी?

लोकसभा चुनाव 2024 : जाने संसदीय क्षेत्र नवादा का हाल

नवादा में 19 अप्रैल को चुनाव है। सभी उम्मीदवार अपने - अपने वादों के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं। यहां से आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यहां त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिल सकती है।

नवादा में एनडीए गठबंधन से भाजपा चुनावी मैदान में है वही इंडिया गठबंधन से राजद ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। वहीं नवादा के पूर्व राजद विधायक राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव निर्दलीय खड़े हैं। इसके साथ ही भोजपुरी गायक गुंजन कुमार भी यहां से निर्दलीय भाग्य अजमा रहे हैं।

नवादा के उम्मीदवार

भाजपा से राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर को टिकट मिला है। ये भूमिहार समाज से आते है। इसके साथ ही ये भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री डॉ सी. पी. ठाकुर के पुत्र है। 

वही राजद ने श्रवण कुशवाहा को टिकट दिया है। श्रवण कुशवाहा पिछले कई चुनावों में विभिन्न पार्टियों से अपना भाग्य अजमाते रहे हैं।

निर्दलीय खड़ें विनोद यादव राजद के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। इनके भाई और पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को नाबालिग के साथ दुराचार मामले में सजा मिल चुकी है। राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी राजद से पिछला लोकसभा चुनाव हार गईं थीं।

बड़ा सवाल: नवादा में यादवों का वोट किसे मिलेगा ?

नवादा में किसी खास पार्टी या नेता का वर्चस्व नहीं रहा है। लेकिन जातीय गणित चुनाव की दशा और दिशा तय करते रहे हैं। 

इस सीट पर कांग्रेस, जनता पार्टी, सीपीआई, भाजपा, राजद, लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवार को भी जीत मिल चुकी है। 

हालांकि नवादा लोकसभा सीट 2009 से पहले आरक्षित थी। 2009 के बाद से यहां लगातार भूमिहार जाति के उम्मीदवारों को ही जीत मिली है। 2014 में गिरीराज सिंह ने भी यही से चुनाव जीता था।

मीडिया रिपोर्टों की माने तो पार्टियां चाहे कितना भी बढ़िया मैनिफेस्टो बना लें, लेकिन चुनाव में जातीय समीकरण ही हावी रहता है। 

नवादा में जातीय गणित स्पष्ट है। यहां भूमिहार और यादव वोटर्स की संख्या लगभग 30-30 फीसदी है।

वहीं दलित और पिछड़ें 10-10 फीसदी के आस- पास है। मुस्लिम वोटर्स पांच फीसदी और बाकी अन्य पांच फीसदी है।

इस सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 अब तक सबसे पेचीदा चुनाव होता दिख रहा है। 

भाजपा से जहां भूमिहार जाति के विवेक ठाकुर खड़े है वही निर्दलीय भोजपुरी गायक गुंजन कुमार भी भूमिहार जाति से है। 

राजद के टिकट पर लड़ रहे श्रवण कुशवाहा, कुशवाहा जाति से है, जो कि इनके लिए फायदेमंद हो सकता था। लेकिन विनोद यादव, यादव वोट काट कर राजद उम्मीदवार को नुक्सान पहुंचा सकते हैं। 

अभी तक की स्थिति को देखें तो पाते हैं कि विनोद यादव नवादा सीट पर श्रवण कुशवाहा का खेल बिगाड़ते नजर आ रहे हैं।

दूसरी तरफ भाजपा के विवेक ठाकुर के लिए गुंजन कुमार मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। 

इस सीट पर पांच फीसदी मुस्लिम वोट राजद के खाते में जाते दिख रहा है लेकिन 10 फीसदी दलित और अन्य पांच फीसदी वोटर्स का मत भी यहां जीत के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।


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