गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह शताव्दी के क़रीब
2017 में चम्पारण सत्याग्रह अपनी शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। आज चार वर्ष पहले ही इसकी चर्चा करना सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो लेकिन चम्पारण के लोग अभी से इसकी तैयारी में जुट गए हैं। चम्पारण के भीतहरवा गांधी आश्रम ने अक्टूबर 2011 में ही चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष को विषेश बनाने के लिए उपराष्ट्रपति को अपना ज्ञापन सौंप दिया है। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर राज्य सरकार के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में राज्य सरकार का ध्यान चम्पारण सत्याग्रह की सौंवी वर्षगांठ पर पारित प्रस्ताव पर केन्द्रित किया गया है। चम्पारण सत्याग्रह की धटना भले हीं वर्षों पुरानी हो गई है लेकिन उसकी यादें चम्पारण के लोगों के जेहन से आज भी नहीं मिट पाई है। भले ही गाँधी जी गुजराती थे लेकिन चम्पारण के लोग उन्हें आज भी मसीहा की तरह पूजते हैं। कुछ लोग तो वहाँ गाँधी जी को भगवान की तरह मानकर उनकी विधिवत् पूजा-अर्चना और आराधना तक करते हैं। जिसमें मोतिहारी के गाँधी भक्त तारकेश्वर प्रसाद का नाम अग्रणी है जो केवल गाँधी जी ...